What Does Shodashi Mean?
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Shodashi’s mantra encourages self-willpower and mindfulness. By chanting this mantra, devotees cultivate higher Management in excess of their ideas and actions, bringing about a more conscious and purposeful method of everyday living. This gain supports particular expansion and self-self-discipline.
सर्वेषां ध्यानमात्रात्सवितुरुदरगा चोदयन्ती मनीषां
Goddess is popularly depicted as sitting around the petals of lotus which is saved on the horizontal human body of Lord Shiva.
वन्दे तामहमक्षय्यां क्षकाराक्षररूपिणीम् ।
ह्रीं ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं
उत्तीर्णाख्याभिरुपास्य पाति शुभदे सर्वार्थ-सिद्धि-प्रदे ।
षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल Shodashi पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।
॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥
हार्दं शोकातिरेकं शमयतु ललिताघीश्वरी पाशहस्ता ॥५॥
लक्ष्या या चक्रराजे नवपुरलसिते योगिनीवृन्दगुप्ते
चक्रे बाह्य-दशारके विलसितं देव्या पूर-श्र्याख्यया
कालहृल्लोहलोल्लोहकलानाशनकारिणीम् ॥२॥
सा देवी कर्मबन्धं मम भवकरणं नाश्यत्वादिशक्तिः ॥३॥
यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।